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*नींव ही कमजोर पड़ रही है गृहस्थी की..!!*

मै एक हिन्दू हूँ और मुझे इस बात पर गर्व है। जब बाकी लोग गुफा में रहते थे और नंगे घूमते थे उस समय हमने हड़प्पा जैसे नगर बसा लिए थे।

*हिंदू धर्म ग्रंथ नहीँ कहते कि देवी* *को शराब चढ़ाई जाये..,**ग्रंथ नहीँ कहते की शराब पीना ही क्षत्रिय धर्म है..*

भूमिहार या बाभन अयाचक ब्राह्मण एक ऐसी सवर्ण जाति है जो अपनेशौर्य, पराक्रम एवंबुद्धिमत्ता के लियेजानी जाती है।

आज से १०० साल तक अगर भाजपा का शासन बना रहा तो तो कुछ इस तरह की धार्मिक कहानियों का जन्म होगा।

#निर्णय का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा "निर्णय कौन करता है?" -

भारत की दो प्रमुख सीमेंट कंपनियों एसीसी और अंबुजा का इतिहास और कांग्रेसियों वामपंथियों की सोच का विश्लेषण

प्रकृति रूप महद् ब्रह्म योनि में परमब्रह्म श्रीसर्वेश्वर अपने बीज का स्थापन करते हैं।

🩸महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जन्म जयंती हमारे देश में नहीं मनाई जाती है !!मैं बहुत सोचता हूं पर उत्तर नहीं मिलता, मिलेगा कहा से जब पहले मुगलों के हरम की उपज वामपंथी पार्टियों/इतिहासकारों ने हिंदूओं को नीचा दिखाने की कसम जो खाई थी !!

समय सबका आता हैं, बस संयम बनाये रखें.... #Dineshkarthik

गांधी जी जब भी तीसरे दर्जे में रेल सफर करते थे तो वह सामान्य तीसरा दर्जा नहीं होता था।

*मकड़ी और जाला*

मेरी भूख सनातन वैदिक अखंड हिंदू राष्ट्र की है,

*कश्मीर फाइल्स के विरोध में अटल जी का नाम घसीटने वालों को करारा जवाब*

"जिस दिन दुनिया से युद्ध समाप्त होंगे, उस दिन राजनीति का भाव भी समाप्त हो जाएगा।"🌹

*||प्रेमिका, पत्नी और वेश्या ||**|| कैसे हो स्त्री-पुरुष के बीच के सम्बंध ||*

{{"भोगी का भी अहंकार है और योगी का भी अहंकार है।"}}

यूपी के हिंदू वोटरों के मन में दहशत भरने के लिए हुआ हिजाब आंदोलन

प्रार्थना को व्यापार मत बनाओ। इसे शुद्ध आहुति ही रहने दो; बस अपने हृदय से ही अर्पण करो बदले में कोई चीज मत मांगो। तब बहुत कुछ आता है…हजार गुणा, लाख गुणा…परमात्मा तुम्हारी और बहता है।

जिन्हें कुछ नहीं है जिनके पास, वे ज्यादा दुखी नहीं होते। क्योंकि ज्यादा दुखी होने के लिए ज्यादा सुखी होना पहले जरूरी है। जिसने सुख जाना है, उसे दुख का पता चलता है।

***"मौत से हम भयभीत नहीं हैं, हम भय से ज्यादा भयभीत हैं।"***

मन छोटी चीज नहीं है। मस्तिष्क बड़ी घटना है—संसार में सबसे बड़ी घटना है। जितने परमाणु हैं पूरे जगत में उतनी सूचनाएं तुम्हारे छोटे—से मस्तिष्क में समा सकती हैं।

"जब तक तुम्हारी धारणा है तब तक तुम भगवान से न जुड़ सकोगे— धारणा ही बाधा है।"

जीवन का मूल्य क्या है?