आज से १०० साल तक अगर भाजपा का शासन बना रहा तो तो कुछ इस तरह की धार्मिक कहानियों का जन्म होगा।

आज से १०० साल तक अगर भाजपा का शासन बना रहा तो तो कुछ इस तरह की धार्मिक कहानियों का जन्म होगा।

सूत जी  बोले - हे मुनियों, मैं आपसे तीनों लोकों में विख्यात श्री नरेन्द्र मोदी जी का माहात्म्य फिर कहता हूँ..............

एक बार की बात है, कलियुग में भारत वर्ष में कांग्रेस नामक दल के पापाचार से तीनों लोक की दुखी जनता में त्राहि त्राहि मच गयी थी........

लेकिन उस दल की विदेशी मूल की अध्यक्षा ने एक कुटिल चाल चली.............. उसने एक ऐसे जटाधारी अर्थशास्त्री को सत्ता सौप दी जो अपनी जटाओं को समेट कर रखते थे। उसके मनमोहिनी स्वरूप ने जनता को ऐसा रिझाया कि 2G 3G 4G जैसे घोटाले हो गए और जनता सोती ही रह गयी..............

परन्तु उसी भारत भूमि में अन्ना और बाबा रामदेव जैसे संत यह घोर अन्याय देख कर विचलित हो उठे। उन्होंने दिल्ली के जंतर मंतर पर घोर तपस्या की................

रामदेव ने सलवार पहनकर ऐसी कठोर तपस्या की कि उनकी एक आँख अधिक चलने लगी और अन्ना महाराज की तपस्या का फल केजरीवाल नामक उनका कपटी शिष्य ले उड़ा। पर वह कथा बाद में कहेंगे। अभी तो नमो की कथा कहनी है। तो सुनो .......................

उनकी कठोर तपस्या से भगवान अत्यधिक प्रसन्न हो गए और प्रकट होकर बोले कहो वत्स क्या मांगते हो ?
अन्ना महाराज और सलवारी बाबा रामदेव ने कहा कि .............इस मनमोहन के अत्याचारों से भारतवर्ष की जनता को बचाओ। प्रभु , यह तो राजमाता सोनिया माता के साथ मिलकर भय, भूख और भ्र्ष्टाचार को इस पुण्य भूमि पर बढ़ा रहा है...............

भगवान ने कहा बस इतनी सी बात है। अभी तुम्हारे कष्टों का निवारण कर देते है, ...........भारत वर्षे गुजरात प्रांते गांधीनगर धामे चीफ मिनिस्टरम श्री नरेन्द्र मोदी जी बैठे हुए हैं। उनके बारे में यवन देश के नास्ट्रेडमस नामक ज्योतिषी भी लिख कर चले गए हैं..........अब वो ही इस जनता का दुःख दर्द दूर कर सकते हैं...........

ऐसे आप्त वचन सुनते ही रामदेव और अन्ना महाराज का मन मयूरा नाच उठा। उन दोनों ने भारत की कोटि कोटि जनता में यह शुभ समाचार पहुँचा दिया। जनता ख़ुशी से पागल हो गयी। 70 सालों का अन्धकार जो आँखों में छाया हुआ था, नरेन्द्र मोदी नामक सूर्य के प्रकाश से पल में हट गया और मोदी मोदी की आवाज़ों से दिग दिगन्त गुंजायमान हो गया।

लेकिन कुछ सालों पश्चात अन्ना महाराज का कपटी शिष्य केजरीवाल उसी कांग्रेस के साथ मिलकर कुचक्र रचने लगा। लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक बार फिर ऐसा पछाड़ा कि वह भी नतमस्तक हो गए।

अपने प्रिय प्रभु की यह लीला देख कर सलवारी बाबा रामदेव अति प्रसन्न हुए और प्रभु नरेंद्र मोदी को उत्तरांचल क्षेत्रे, हरिद्वार नगरे ,पतंजलि प्लांटे बुलाकर नरेंद्र मोदी जी को राष्ट्रऋषि की उपाधि प्रदान की।

अब सभी लोग मन ही मन नमो नमो का एक लाख आठ सौ बार जाप करें...........

आगे के भाग में दूसरे अवतार योगी जी के बारे में विस्तार से बताएँगे ।

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