भाजपा की हार पर त्वरित टिप्पणी
अतिआत्मविश्वास हमेशा ही दुखदायी होता हे |भाजपा पिछले कुछ सालो से काग्रेस मुक्त भारत का अभियान चला रही थी |भाजपा ने इस चुनाव में जितनी भी सभाये की थी उसमे विकास का मुद्दे को छोड़कर पूरा फोकस राहुल गाँधी की गतिविधियों पर रहा | राहुल गाँधी की जाती राहुल गाँधी का धर्म जनेऊ धारण इत्यादि था | भाजपा ये भूल गयी की मध्याप्रदेश में रिटायरमेंट की उम्र आनन फानन में दो साल बढ़ा दी थी जिससे सेकड़ो युवको की नौकरी नहीं लग पायी | मध्याप्रदेश में बेरोजगारी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी समस्या थी जिस पर मामा ने ध्यान नहीं दिया |मध्याप्रदेश में आई आई टी की स्थापना ,ऍन आई टी की स्थापना करना थी जो की नहीं हुई | मध्याप्रदेश में शिवराज सिंह ने रोड पानी बिजली देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी | शिवराजसींग मंदसौर किसान आंदोलन व्यापम घोटाला में चर्चित रहे | केंद्र ने देश में भी कोई बहुत बड़ी तरक्की नहीं की | ३ हजार करोड़ रूपये सरदार बल्ल्भ भाई पटेल की मूर्ति में अनावश्यक खर्च किये |डिमॉनीटाइजेशन हुआ| बिना सोचे समझे GST लागु की जिसकी रिटर्न भरने में व्यापारियों के पसीने छूट गए | व्यापारियों के व्यापर करने के सभी रस्ते बंद से कर दिए | बेंको से ट्रांजिक्शन अनिवार्य किया लेकिन बैंक की प्रणाली में कोई सुधार नहीं किया | व्यपारियो को बैंक ने अनाप शनाप चार्ज वसूले | चिल्लर की समस्या बढ़ती चली गयी | राजस्थान मध्याप्रदेश और छत्तीसगढ़ देश के बड़े प्रदेश हे इन तीनो जगह से भाजपा का किला ढह जाना इस बात का संकेत हे की आमआदमी के मन में भाजपा के प्रति द्वन्द चल रहा था जो मतदान में सामने आया |
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