देश में चीनी एजेंट कांग्रेसी और वामपंथी जिहादी गिरोह हर दिन कोई नया नैरेटिव सैट करने में लगे हैं।

एक शांतिदूत को ट्रेन में बिना टिकट चढ़ने की आदत थी। कभी पकड़े नहीं गये इसलिये हौंसला भी बढ़ता गया। अब वो किसी की भी सीट पर जाकर जबरदस्ती बैठ भी जाता था।
टोकने पर हाथापाई पर उतर जाता था।
ऐसे ही दिन दिन शांतिदूत का हौंसला बुलंद होता गया।
एक दिन एयर कंडीशन बोगी में चढ़ गया बिना टिकट।
और जाकर एक सज्जन की सीट पर बैठ गया।
सज्जन ने मना किया तो आदतन शुरु हो गया, पहले भला बुरा कहा, फिर धमकी देने लगा, उससे भी काम नही चला तो हाथापाई पर उतारु हो गया।
उस सज्जन ने फोन कर पुलिस को बुला दिया। 
पुलिस के सामने भी हेकड़ी बघार रहा था।
तब तक टीटी भी आ गया।
उन्होने आते के साथ सबसे पहले उनसे टिकट मांगा। 
अब टिकट तो उनके पास था नहीं तो आँय बांय बकने लगा।
टीटी ने फ़ाइन की बात की, पुलिस ने अरेस्ट करने की बात की तो कहने लगा,
"जब मै स्टेशन में घुसा तब आप लोग कहाँ थे?
जब मै ट्रेन में चढ़ा तब क्यों नही रोका?
जब यहाँ आकर बैठा तब तो आप लोगों ने मना नही किया।
अब ये आदमी हमसे झगड़ा करने लगा तो आप लोग टिकट के बहाने इसकी तरफदारी में लग गये?
अब मेरे पास पैसा नही है और जाना इसी ट्रेन में है तो क्या आप हमको ट्रेन में से फेंक दिजियेगा?
कहाँ का न्याय है ये।

*हमें पहले नोटिस दीजिए।*
हम वर्षों से बिना टिकट चल रहे थे तब आपको क्यों नही दिखा?
अब आप खाली इस आदमी का पक्ष लेने के लिये फ़ाइन लगाने लगे?"
अब उसकी हिम्मत देख,
दो चार बिना टिकट यात्री और आ गये और उसके पक्ष में पूरा हंगामा शुरु कर दिया।
ये क्या तरीका है?
यह ट्रेन हमारी है, हम वर्षो से इसमे़ बिना टिकट सफर कर रहे हैं, इसमें सफर करने में हमने पसीना बहाया है।
हमारे पुरखों ने इसे खून से सींचा है‌।
आप लोग बेटिकट यात्रियों से भेदभाव करते हो।
अगर सीट देनी तो सबको देनी होगी, पर तुम भेदभाव करके केवल टिकट वालों को सीट देते हो।
आप लोग तानाशाही कर रहे हैं।
ये आदमी झगड़ा नहीं करता तो आप आते क्या?
आप खाली इस आदमी के सपोर्ट में ये सब कर रहे हैं। घोर अन्याय है ये।
गरीबों को तो कोई देखने वाला नहीं है।
यह गरीबों के साथ अन्याय है।
तभी कुछ चीनी एजेंट पत्रकार, छुटभैये सेकुलर राजनीति बाज भी वहां आ गये।
वे कहने लगे रेल की सीटों पर पहला हक बिना टिकट यात्रियों का है।
रेलवे जानबूझ कर टिकट वाले और बिना टिकट यात्रियों के बीच नफरत फैलाने के लिए यह सब कर रहा है।
हम यह नफरत का खेल नहीं होने देंगे।

हम रेलवे से ऐसा नियम बनवाऐंगे कि पहले बिना टिकट यात्रियों को सब सीटे दी जाऐंगी, अगर कोई सीट खाली रही तो वही सीट टिकट लिये यात्री को मिलेगी‌‌।

टीटी और पुलिस की समझ में नहीं आ रहा था कि बिना टिकट यात्री को फ़ाइन और अरेस्ट करने की बात करके उन्होंने गलत किया या सही?

"आज देश में चीनी एजेंट कांग्रेसी और वामपंथी जिहादी गिरोह द्वारा ऐसी ही नैरेटिव सैट करने की कोशिश की जा रही है।"

ठाकुर की कलम से

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